Heat rash: दोस्तों आजकल बहुत गर्मी पड़ रही है और इस गर्मी में हमें ghamoriya जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है जो छोटे-छोटे दानों के रूप मे होती हैं, हमें बहुत परेशान करती हैं। इस लेख में हम घमौरियां होने के कारण, लक्षण व इन्हें ठीक करने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।
घमौरियां, जिन्हें अन्धुरियां भी कहा जाता है, यह समस्या अक्सर गर्मी में ही होती है। कभी कभार अगर थोड़ी बहुत बरसात हो भी गई तो गर्मी कम हो जाती है लेकिन उमस बढ़ जाती है और यही उमस घमौरियों का कारण बन जाती है और हमारे शरीर में महीन दाने निकल आते हैं जिन्हें हम घमौरियां कहते हैं।
इन्हें अंग्रेजी में Prickly Heat या Heat Rash भी कहते हैं। यह समस्या तब होती है जब त्वचा के पसीने की ग्रंथियां बंद हो जाती हैं और पसीना त्वचा के नीचे ही रह जाता है, जिससे छोटी-छोटी लाल रंग की दाने या फुंसियां हो जाती हैं, जिससे त्वचा पर खुजली और जलन जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है।
आइए जानते हैं कौन-कौन से कारण हैं जिसकी वजह से हमारे शरीर में घमौरियां हो जाती हैं।
- पसीना अधिक निकलना : गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ, शरीर से अधिक पसीना निकलता है। जब त्वचा के रोमछिद्र पसीने से बंद हो जाते हैं, तो यह पसीना बाहर नहीं निकल पाता है और यह त्वचा के अंदर फंस जाता है। इससे घमौरियां होने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या आमतौर पर उन जगहों में ज्यादा होती है जहां त्वचा आपस में रगड़ खाती है, जैसे कि गर्दन, बगल, पीठ और छाती।
- कसे हुए कपड़े पहनना : संकीर्ण और कसे हुए कपड़े पहनने से त्वचा पर हवा का प्रवाह सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिससे त्वचा पर पसीने के द्वारा संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे कपड़े, जो त्वचा को सांस नहीं लेने देते, पसीना को त्वचा के रोमछिद्रों में ही बंद कर देते हैं और घमौरियां पैदा होने लगती हैं।
- आद्रता और गर्म मौसम : ह्यूमिडिटी यानी आद्रता और अत्यधिक गर्मी भी घमौरियों का एक प्रमुख कारण है। जब वातावरण में नमी अधिक होती है, तो पसीना तेजी से नहीं सूख पाता और त्वचा पर जमा हो जाता है। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है और रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप घमौरियां हो जाती हैं।
- अधिक मेहनत या व्यायाम : जो लोग अत्यधिक शारीरिक श्रम करते हैं या नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, उनके शरीर से अधिक पसीना निकलता है। पसीना निकलने के साथ-साथ यदि शरीर ठंडा न हो सके, तो यह पसीना घमौरियों का कारण बन सकता है।
- स्वच्छता का अभाव : यदि शरीर को ठीक से साफ नहीं किया जाता है, तो पसीना और धूल-मिट्टी त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देती है। यह गंदगी और बैक्टीरिया त्वचा पर इकट्ठा हो जाते हैं, जिससे संक्रमण और घमौरियों की समस्या बढ़ जाती है।
- त्वचा के प्रकार : तैलीय(ऑइली) त्वचा वाले व्यक्तियों में घमौरियों की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनके रोमछिद्र अधिक आसानी से ब्लॉक हो जाते हैं। तैलीय त्वचा पर पसीना और तेल अधिक समय तक जमा रहता है, जिससे त्वचा पर घमौरियां हो सकती हैं।
- मौसम परिवर्तन : जब कोई व्यक्ति अत्यधिक गर्म मौसम में यात्रा करता है या किसी ठंडे वातावरण से गर्म जगह पर आता है, तो शरीर को अचानक गर्मी सहने में कठिनाई होती है। इससे पसीना ज्यादा निकलता है और घमौरियां हो सकती हैं।
घमौरियों के लक्षण- Symptoms of heat rash in hindi
वैसे तो घमौरियां आमतौर पर अन्य किसी समस्याओं को उत्पन्न किये बिना ही ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में यह बैक्टीरिया के साथ संक्रमण का कारण बन सकती है, पहले हम जान लेते हैं कि घमौंरियों के लक्षण क्या हैं।
- खुजली (Itching) घमौरियों का सबसे प्रमुख और सामान्य लक्षण खुजली है। यह खुजली अक्सर रात के समय अधिक बढ़ जाती है और यह अत्यधिक असहज हो जाती है। खुजली का कारण त्वचा के परजीवी द्वारा त्वचा में होने वाली जलन और प्रतिक्रियाएं हैं।
- लाल चकत्ते (Red Rashes) घमौरियों के प्रभाव से त्वचा पर लाल, खुजलीदार चकत्ते उभर आते हैं। ये चकत्ते आमतौर पर त्वचा की सतह पर उभरे होते हैं और इनमें सूजन और जलन होने लगती है।
- छोटे-छोटे फफोले (Small Blisters) घमौरियों की स्थिति में शरीर में छोटे-छोटे फफोले भी बन सकते हैं। इन फफोलों में खुजली और जलन होती हैं और कभी-कभी इनमें मवाद भी भर आता है।
- सूजन (Swelling) घमौरियों के कारण त्वचा में सूजन हो सकती है। सूजन त्वचा के प्रभावित हिस्से में अधिक होती है और यह लालिमा और दर्द के साथ हो सकती है।
- त्वचा पर खरोंच (Scratches) खुजली होने की वजह से त्वचा पर बार-बार खरोंच पड़ जाती है, जिससे त्वचा में कटने और खरोंचने के निशान भी पड़ जाते हैं। यह स्थिति त्वचा को और अधिक संक्रमण के प्रति संवेदनशील बना सकती है।
- त्वचा का मोटा होना (Thickened Skin) लंबे समय तक घमौरियों के संपर्क में रहने से त्वचा मोटी और कठोर हो सकती है। यह स्थिति आमतौर पर उन जगहों पर देखी जाती है जहाँ पर लगातार खुजली होती है।
- संक्रमण (Infection) अक्सर घमौरियों के कारण त्वचा पर संक्रमण भी हो सकता है। यदि खुजली और जलन के कारण त्वचा में कटाव हो जाता है, तो वहाँ संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- दर्द (Pain) त्वचा में खुजली के साथ दर्द का अनुभव हो सकता है, किसी एक जगह कई लाल दाने इकट्ठा हो सकतें हैं और पसीना निकलने पर जलन भी हो सकती है।
घमौरियों से बचने के उपाय- Ways to avoid heat rash in hindi
घमौरियों से बचने और उन्हें ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बहुत फायदेमंद होते हैं, जो न केवल सुरक्षित होते हैं, बल्कि बिना किसी साइड इफेक्ट के जल्दी राहत भी प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर घमौरियों से बचाव किया जा सकताहै।
बेसन और दही का प्रयोग
मुल्तानी मिट्टी का लेप
चंदन पाउडर का प्रयोग
नीम के पत्ते का इस्तेमाल
एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें
बर्फ से सिंकाई करें
ककड़ी के रस का इस्तेमाल करें
संतरे के छिलके का पाउडर
तुलसी के पत्ते का रस
बबूल के पत्ते का उपयोग
घमौरियों से बचने के लिए अन्य उपाय
घमौरियों का सबसे बड़ा कारण गर्मियों में अत्यधिक पसीना और शरीर की सफाई का सही से ध्यान न रखना होता है जिससे घमौरियां होती हैं। इसलिए, इस समस्या से बचने के लिए हमें कुछ अन्य उपाय भी अपनाने चाहिए।
ढीले और सूती कपड़े पहनें
घमौरियों से बचने के लिए सबसे पहले हमें अपने कपड़ों पर ध्यान देना चाहिए। गर्मी में सूती और ढीले कपड़े पहनना चाहिए, जो पसीने को आसानी से सोख सकते हैं जिससे त्वचा को सांस लेने का मौका मिले। टाइट कपड़ों से बचना चाहिए, क्योंकि ये पसीने को त्वचा पर जमने का मौका देते है, जिससे घमौरियां होने के chance बढ़ जाते हैं।
सफाई का ध्यान रखना
शरीर की सफाई सबसे जरूरी है। दिन में कम से कम दो बार स्नान करना चाहिए और पसीना आने पर तुरंत चेहरा, गर्दन, और अन्य प्रभावित हिस्से को साफ करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि त्वचा को हमेशा साफ और सूखा रखा जाए, ताकि रोमछिद्र बंद न रहें।
टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें
नहाने के बाद उन हिस्सों में जहां घमौरियां ज्यादा हैं, टैल्कम पाउडर का उपयोग करें। यह त्वचा को सूखा रखने में मदद करता है और घमौरियों से राहत दिलाता है। टैल्कम पाउडर का मुख्य उद्देश्य त्वचा से अतिरिक्त नमी को सोखना और खुजली को कम करना होता है।
पानी का भरपूर सेवन करें
पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करें। पसीने के रूप में शरीर से पानी बाहर निकलता है, और अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए तो त्वचा की समस्या बढ़ सकती है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर अंदर से ठंडा रहता है और त्वचा को पोषण मिलता है।
ठंडी जगह पर रहें
गर्म और नमीयुक्त स्थानों से बचें। जहाँ तक हो सके, ठंडी जगह पर रहें और पंखे AC का उपयोग करें, ताकि पसीने की मात्रा कम हो। जब आप बाहर जाएं तो धूप से बचने के लिए छाता या टोपी का उपयोग करें।
नहाने का साबुन
घमौरियों के उपचार में एंटी-बैक्टीरियल साबुन का उपयोग करना चाहिए अगर घमौरियां पहले से ही हो चुकी हैं, तो मेडिकेटेड साबुन का उपयोग करना चाहिए। ये साबुन विशेष रूप से त्वचा की समस्याओं के उपचार के लिए बनाए जाते हैं और इनमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो त्वचा की जलन और खुजली को कम करते हैं।
किसी भी प्रकार की दवा, लोशन, साबुन, पाउडर आदि का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें, जिससे एलर्जी आदि की संभावना से बचा जा सके।
दोस्तों घमौरियों से बचना या उन्हें कम करना कोई मुश्किल काम नहीं है, यदि आप अपनी दिनचर्या में थोड़े बदलाव और कुछ घरेलू उपायों को अपनाते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखें, ठंडक प्रदान करने वाले उत्पादों का प्रयोग करें और अपने आहार को संतुलित रखें। इन उपायों के माध्यम से आप गर्मी के मौसम में घमौरियों से बच सकते हैं और अपनी त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं।
घमौरियों से बचने और उन्हें ठीक करने के लिए उपरोक्त घरेलू उपाय बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। इन उपायों को अपनाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और घमौरियों की समस्या जल्दी दूर हो सकती है। अगर घमौरियों की समस्या बढ़ रही है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
आशा करता हूं कि इस लेख में बताए गए घरेलू उपाय और जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और घमौरियां होने के कारण, लक्षण व उपचार पढ़कर समझ गए होंगे कि घमौरियां यानी heat rash से बचाव कैसे किया जा सकता है। यदि हम इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें, तो गर्मियों में घमौरियों की समस्या से आसानी से बच सकते हैं।
thanks for feedback